दिल्ली में इस झील के पास था भूकंप का केंद्र, पहले भी कई बार यहां महसूस हो चुके हैं झटके

दिल्ली में हाल ही में आए भूकंप का केंद्र एक प्रसिद्ध झील के पास दर्ज किया गया, जिसने पूरे शहर को हिला दिया। इस स्थान पर पहले भी कई बार झटके महसूस किए गए हैं, जिससे यह क्षेत्र भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस झील के आसपास की भौगोलिक संरचना और भूगर्भीय हलचलें बार-बार भूकंप का कारण बनती हैं।

दिल्ली में भूकंप का इतिहास

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दिल्ली NCR क्षेत्र भूकंप के लिहाज से संवेदनशील जोन IV में आता है। यहाँ समय-समय पर मध्यम से लेकर तेज़ भूकंप महसूस किए जाते रहे हैं। यह इलाका कई प्रमुख भूगर्भीय फॉल्ट लाइनों के पास स्थित है, जिससे भूकंप की संभावना अधिक बनी रहती है।

महत्वपूर्ण भूकंप जो दिल्ली में दर्ज हुए:

  • 2015: नेपाल भूकंप के दौरान दिल्ली में भी तेज़ झटके महसूस किए गए थे।
  • 2020: लगातार कई महीनों तक हल्के झटके दर्ज किए गए थे।
  • 2023: NCR क्षेत्र में 5.6 तीव्रता का भूकंप आया था, जिससे लोग दहशत में आ गए थे।

झील के पास क्यों आता है भूकंप?

विशेषज्ञों के अनुसार, झील के आसपास की मिट्टी और पानी के स्तर में बदलाव के कारण धरती की सतह पर तनाव उत्पन्न होता है। इसके अलावा, इस क्षेत्र के नीचे की प्लेटों में लगातार हलचल बनी रहती है, जिससे भूकंप आने की संभावना बढ़ जाती है।

भूकंप के प्रभाव

Earthquakes and Their Effects on the Environment | RINGFEDER®

दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले शहर में भूकंप से होने वाले प्रभाव काफी व्यापक हो सकते हैं।

  • भवनों में दरारें: पुराने और कमजोर भवनों में भूकंप से क्षति हो सकती है।
  • मेट्रो और परिवहन सेवाओं पर असर: झटकों के कारण मेट्रो और अन्य परिवहन सेवाओं में बाधा उत्पन्न हो सकती है।
  • संपत्ति और जीवन को खतरा: तेज़ भूकंप से जान-माल की हानि होने की आशंका रहती है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

भूगर्भ वैज्ञानिकों का मानना है कि दिल्ली NCR में भूकंप की घटनाएं बढ़ रही हैं, और यह एक गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने सुझाव दिया है कि:

  • भवन निर्माण नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए।
  • आपदा प्रबंधन की तैयारियों को मजबूत किया जाए।
  • भूकंप के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाए।

भूकंप से बचाव के उपाय

  1. मजबूत इमारतों में रहें: भवनों को भूकंपरोधी तकनीक से बनाना चाहिए।
  2. आपातकालीन किट तैयार रखें: टॉर्च, पानी, दवाइयाँ और जरूरी दस्तावेज हमेशा तैयार रखें।
  3. भूकंप के दौरान सुरक्षित स्थान खोजें: किसी मजबूत टेबल के नीचे छिपें और खिड़कियों से दूर रहें।
  4. बिजली और गैस लाइन बंद करें: भूकंप के दौरान आग लगने का खतरा रहता है, इसलिए तुरंत इन स्रोतों को बंद कर दें।

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निष्कर्ष

दिल्ली में झील के पास बार-बार भूकंप का केंद्र बनने के पीछे वैज्ञानिक और भूगर्भीय कारण हैं। यह क्षेत्र पहले भी झटकों का सामना कर चुका है और भविष्य में भी ऐसी घटनाओं की संभावना बनी हुई है। नागरिकों को सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन की तैयारी रखने की आवश्यकता है। सरकार और प्रशासन को भी इस दिशा में मजबूत कदम उठाने चाहिए ताकि संभावित खतरों को कम किया जा सके।

FAQs

1. दिल्ली में सबसे ज्यादा भूकंप किस इलाके में आते हैं?
दिल्ली NCR में गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और झील के आसपास के क्षेत्र अधिक संवेदनशील माने जाते हैं।

2. भूकंप आने के समय क्या करें?
सुरक्षित स्थान पर जाएं, किसी मजबूत टेबल के नीचे बैठें, और खिड़कियों व बिजली के खंभों से दूर रहें।

3. क्या दिल्ली में बड़े भूकंप की संभावना है?
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली एक भूकंपीय जोन IV में आता है, जिससे मध्यम से तेज़ भूकंप की संभावना बनी रहती है।

4. झील के पास बार-बार भूकंप क्यों आता है?
झील के आसपास की भौगोलिक संरचना और जलस्तर में परिवर्तन के कारण यहाँ बार-बार भूकंप महसूस किए जाते हैं।

5. क्या दिल्ली में भूकंप से बचने के लिए विशेष उपाय किए जा सकते हैं?
हां, सरकार को भूकंपरोधी निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए और लोगों को जागरूक करना चाहिए।